जयपुर। वैश्विक महामारी कोराना का व्यापक असर देश के अर्र्थतंत्र पर पूरी तरह नजर आने लगा है। उद्योगों के बंद होने श्रमिकों के समक्ष रोजगार का संकट खड़ा हो गया। ऐसे में अपनों के बीच जाने की चाह में लोग पलायन को मजबूर हैं। इन सबके बीच कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो वाकई में देवदूत बनकर उनकी सेवाश्रुषा में जुटे हैं। जी हां ग्राम आलीसर निवासी और पेशे से शिक्षक अशोक दायमा ऐसे ही लोगों में शुमार है। जो नो फोटो ऑनली हैल्प अभियान के तहत नि:स्वार्थ भाव से विगत डेढ़ माह से गरीब, असहाय और अपने गांव-शहर लौटते श्रमिकों को भोजन कराने में जुटे हैं। उनकी जीवंटता को देखकर हर कोई दांतों तले अंगूली दबा लेता है। शिक्षक अशोक दायमा ने बताया कि कोराना के चलते काम धंधे ठप होने से लोगों को दो जून रोटी के लाले पड़ गए। ऐसे में आईसीआईसी फाउंडेशन के राज्य प्रतिनिधि ने स्थानीय व्यक्तियों व संस्थाओं के साथ संपर्क कराया तो थानाधिकारी गोविंदगढ़ अरविंद भारद्वाज ने हौंसला बढ़ाया। जिसके बाद जरुरतमंद गरीब, असहाय लोगों को सुबह-शाम को तैयार भोजन व राशन किट उपलब्ध कराना शुरू किया गया। आईसीआईसीआई फाउंडेशन के माध्यम से प्रेरित होकर ऐसे भामाशाह भी सामने आए। जिन्होंने सूखा राशन, फल उपलब्ध कराया। वहीं गोविंदगढ़ मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में कार्यरत संदर्भ व्यक्ति (आरपी) विद्या प्रकाश मीना ने अपने जन्मदिन पर टीम के साथ मिलकर जरूरत मंद लोगों के घर-घर जाकर फल वितरित किए। इस अभियान में उप संयोजक बीएस यादव, सदस्य रामशरण मीणा, ओम प्रकाश, कैलाश यादव, सीताराम कुमावत, महेश स्वामी, कैलाश स्वामी, विनीत मीना, प्रकाश मीना, चंदू लाल, नीरज चौहान, सतीश शर्मा सहभागी बने हुए हैं। संयोजक अशोक दायमा ने बताया कि आईसीआईसीआई फाउंडेशन से प्रशिक्षित रायथल, चीथवाड़ी, कुशलपुरा, फतेहपुरा, बागरियावास गांव की महिलाएं मॉस्क बनाने में जुटी है। जिससे उन्हें आमदनी भी हो रही है तो लोगों को मॉस्क भी मिल रहे हैं।
देवदूत बनकर सेवा में जुटा शिक्षक